Lajwanti ke fayde इस पोस्ट में हम आपको लाजवती यानी जिसको आम भाषा में छुई मुई का पौधा कहा जाता है, तो इसके होने वाले फ़ायदे के बारे में जानकारी देने वाले है।
सबसे पहले जान लेते हैं कि लाजवंती का पौधा क्या है?
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सबसे पहले हमे ये पता होना चाहिए की लाजवंती का पौधा क्या है? जैसा की लाजवंती नाम से समझ आता है, कि इस पौधे को छूने से वो शर्मा जाती है यनि कहने का तात्पर्य यह है कि सिर्फ इंसान के छूने से ही नहीं बल्कि किसी भी चीज़ के स्पर्श मात्र से लाजवंती का पौधा सिकुड़ जाता है,
और कुछ समय के बाद फिर से अपने आकार में आ जाता है। इस छुई मुई के पौधे के पौष्टिक गुणों के आधार पर लाजवंती को आ आयुर्वेद में औषधि के रूप किया जा रहा है।
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लाजवन्ती का वानस्पतिक नाम Mimosa pudica Linn. (मिमोसा पुडिका) Syn-Mimosa hispidula Kunth होता है। लाजवन्ती Mimosaceae (मिमोसेसी) कूल का होता है।
लाजवन्ती को अंग्रेजी में Sensitive plant (सेन्सेटिव प्लान्ट) कहते हैं। लाजवन्ती को विभिन्न भाषाओं में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। जैसे÷
जैसा की आप लोगों को ऊपर बताया गया है कि लाजवंती के पौधे का प्रयोग आयुर्वेद में औषधी के रूप में किया जाता है।
चलिए आगे जानते है कि लाजवंती का इस्तेमाल (Lajwanti ke fayde) बीमारियों के लिए किस तरह किया जाता है।
जैसे की हम पुराने समय की बात करे तो बहुत ही पुराने समय के बुजुर्ग लोग इस बात को बताते आ रहे और करते भी आ रहे है कि किसी भी घर में किसी भी व्यक्ति को खाँसी होती है।
या फिर किसी बच्चे की खाँसी रुक नहीं रही है तो लाजवंती के जड़ को धागे में लपेट कर गर्दन में बाँधने लेने से ही मात्र खाँसी में बहुत ही ज्यादा प्रभाव नज़र आता है,
और खाँसी रुक जाती है। इस बात की पुष्टि आचार्य बालकृष्ण जी ने भी की है।
अगर आप लोग ज्यादा तीखा, मसालेदर खाना खाते हो तो बावासिर (पाइल्स) होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
बवासीर की समस्या होने पर अक्सर शौच के दौरान रक्तस्राव होने लगता है, इस समस्या को खूनी बवासीर कहा जाता है.
इस समस्या में लाजवंती का उपयोग आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है।आयुर्वेद के अनुसार लाजवंती में कषाय रस होता है जो खूनी बवासीर में होने वाले रक्तस्राव को नियंत्रित करके बवासीर के लक्षणों को कम करता है.
आइये जानते हैं कैसे इसका उपयोग करें : –
अक्सर उम्र बढ़ने के साथ स्तनों के ढीलेपन की समस्या आने लगती है। स्तनों के ढीलेपन से बहुत परेशान होते हैं, तो लाजवंती का इस तरह से उपयोग करने से लाभ मिलता है।
लाजवंती के पत्ते और जड़ का पेस्ट बना कर के स्तनों में मालिश करनी है चाहिए इससे स्तनों का ढीलेपन ठीक हो जायेगा।
अत्यधिक मात्रा में मूत्र होने की समस्या में भी लाजवंती बहुत फायदेमंद (lajwanti ke fayde) है।
लाजवंती के पत्तों को जल में पीसकर वस्ति प्रदेश (ब्लडर) पर लेप करने से मूत्रातिसार मेंलाभ होता है।
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अत्यधिक मात्रा में किडनी स्टोन की समस्या में भी लाजवंती बहुत फायदेमंद (Lajwanti ke fayde) है। किडनी स्टोन में लाजवंती के पूरे पौधे को सुखा ले।
यानी जिसके अंदर फल,फूल, पत्ता, जड़ सब होना चाहिए। इसका सेवन करने की लिए 3 से 4 grm. इसको ले कर के 400grm. पानी मे उबाले और जब 100grm. रह जाए,
तो इसको रोज खाली पेट इसका सेवन करने आपको बहुत फायदा (Lajwanti ke fayde) होगा।
आयुर्वेद में लाजवन्ती के जड़ और पत्ते का प्रयोग औषधि के रुप में सबसे ज्यादा किया जाता है। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर करना ना भूले और कमेंट में अपनी राय जरूर लिखें।
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