क्या बर्थ कंट्रोल पिल्स महिलाओं के हारमोंस पर असर डालते हैं Birth Control Pills Effact in Hindi में बताएंगे।
जनसंख्या वृद्धि पर कंट्रोल करने वाली गोलियां बर्थ कंट्रोल पिल्स जिन्हें अधिकतर ओरल कांट्रेसेप्टिव्स कहा जाता है।
यह 1960 के दशक में सामने आने के बाद से इसे जनसंख्या में और उसके स्वास्थ्य में बहुत तेजी से तरक्की हो रही है।
यह गोलियां महिलाओं को अनैच्छिक गर्भ को रोकने के लिए एक असरदायक कारण प्रदान करती हैं।
इस आर्टिकल में हम इस बात का निरीक्षण करेंगे कि जनसंख्या पर काबू पाने वाली गोलियां महिलाओं के हारमोंस पर असर डालते हैं।
जनसंख्या नियंत्रण पर कंट्रोल करने वाली गोलियां का एक बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है और ये असर कारक है।
परंतु यह हार्मोनल असर के साथ आती हैं जो हर व्यक्ति में विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं।
यह आर्टिफिशियल हारमोंस खास तौर पर एस्ट्रोजन और progesterone गर्भ को रोकने के लिए
महिलाओं के शरीर के अंदर प्रकेटिक हार्मोनल बैलेंस को बदल देते हैं।
अगरचे ये बदलाव contraception और प्रेग्नैंसी के हिसाब से काफी लाभ प्रदान करती हैं।
परंतु ये गेहरे असर जैसे मूड में बदलाव, libido में बदलाव, breast tenderness का कारण भी बन सकते हैं।
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इन पिल्स के असर को पहचान करने से पहले यह समझना आवश्यक है के बर्थ कंट्रोल टेबलेट कैसे कार्य करती है?
ज्यादातर ओरल कांट्रेसेप्टिव्स दो हम हारमोंस के आर्टिफिशियल वर्जन पर शामिल होते हैं।
यह दो वर्जन होते हैं एस्ट्रोजन या प्रोगैस्टरॉन की एक आर्टिफिशियल शक्ल।
यह हारमोंस महिलाओं की प्रजनन क्षमता में महत्वपूण भूमिका अदा करते हैं।
नएस्ट्रोजन रेगुलेशन पर शामिल बर्थ कंट्रोल गोलियां इस हार्मोन के शरीर की प्राकृतिक पैदावार को दबाकर कार्य करती हैं।
यह बदले में ओवरी से अंडों के बाहर आने को रोकते हैं यह ऐसा कार्य है जिसे ओवुलेशन कहा जाता है।
ओवुलेशन को रोकने से जनसंख्या नियंत्रण की टेबलेट गर्भ होने को विशेष तौर पर कम करती हैं।
परंतु एस्ट्रोजन की सतह का यह आर्टिफिशियल रूल महिलाओं के शरीर के
हार्मोनल बैलेंस पर विभिन्न प्रकार के असर कर सकता है जो की निम्नलिखित हैं।
जनसंख्या नियंत्रण पर बनाई गई टैबलेट या बर्थ कंट्रोल पिल्स आपकी माहवारी के चक्र को बदल सकती है।
जिससे बहुत सी महिलाओं के लिए अधिक असन्तुलित और कम तकलीफ देने वाली होती है।
यह असर उन लोगों के लिए एक अहम लाभ हो सकता है जिन्होंने इरेगुलर पीरियड्स या माहवारी के तकलीफ वाले लक्षणों का तजुर्बा किया था।
बहुत से लोगों पर बर्थ कंट्रोल करने वाली गोलियों के कारण हार्मोनल बैलेंस में तब्दीली के नतीजे में
मूड में तब्दीली व इमोशनल उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
यह असर विभिन्न व्यक्ति में विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं।
एस्ट्रोजन के अलावा बहुत सी बर्थ पर काबू पाने वाली गोलियों में स्ट्रांग होता है।
यानी आर्टिफिशियल प्रोगैस्टरॉन प्रोटेस्ट गर्भ को रोकने के लिए शरीर के अंदर
एक स्थाई हार्मोनल वातावरण पैदा करने में सहायता करता है।
एस्ट्रोजन की तरह प्रेगस्टोन महिलाओं में हार्मोनल बैलेंस को पर असर डाल सकता है।
Cervical Mucus, progesterone sperm को thick करता है जिस के कारण egg को fertilize तक पहुंचना अधिक मुश्किल होता है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने वाली कुछ महिलाओं को हार्मोनल बदलाव के कारण छाती में बदलाव या उनके बढ़ने का तजुर्बा हो सकता है।
यहां यह नोट करना आवश्यक है कि रोग प्रतिरोध की यह पल्स बर्थ कंट्रोल पिल्स के असर
तमाम लोगों के लिए एक जैसे नहीं होते हैं।
कुछ को कम से कम असर का सामना करना पड़ सकता है जब के दूसरों को वह अधिक साफ नजर आ सकते हैं।
बस कंट्रोल पिल्स चुनाव करते समय महिलाओं के लिए स्वास्थ्य की देखभाल और स्पेशलिस्ट से सलाह करना आवश्यक है।
जो आपको आपकी अलग आवश्यकता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए
आपके लिए बेहतर लोक कांट्रेसेप्शन के तरीके के बारे में आपकी सहायता कर सकते हैं
अगर आप अपना इम्यून सिस्टम अर्थात् रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल How to Improve your Immune System in Hindi को पढ़ें।
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