दोस्तों! आज हम बात करने वाले हैं Benefits of Falsa Fruit in Hindi के बारे में।
फालसा जिसे Grewia Asiatica भी कहा जाता है यह गर्मी के मौसम के पसंदीदा फ्रूट में से एक है।
हल्के लाल कलर लिए हुए जामुनी रंग के साथ और एक छोटी सी गोल शेप वाला ब्लूबेरी की तरह का यह फल होता है।
फालसा का टेस्ट मीठा और खट्टा होता है आमतौर पर लोग इसे कच्चा खाते हैं या जूस की शक्ल में पीते हैं।
फालसा में ठंडक का असर अधिक होता है जो शरीर के ताप को बराबर रखते हुए गर्मी के दौरान हीट स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है।
इसमें पोषक तत्व भी अधिक होते हैं जिसके कारण यह आपकी स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
यह बहुत से रोगों को रोकने में मदद कर सकता है और आपकी पूरी सेहत के लिए लाभदायक हो सकता है।
आइये अब जानते हैं फालसा के वह स्वास्थ्यदायक लाभ जो आपको पता होने चाहिए।
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हर्बल मेडिसिन में फालसा का से इस्तेमाल आंखों,मूत्र या सीने की जलन के लिए साथ इन्फेक्शन के लिए इस्तेमाल होता है।
के चारों के बीजों के साथ फालसा का रस पेट के दर्द को काम करता है।
इस का रस गुलाब जल और चीनी में मिलाकर खाने से मतली और उल्टी ठीक हो जाती है।
नमक के साथ फालसा का रस भी लोग सांस की समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल करते हैं।
आइये विस्तार से फालसा के विशेषताओं के बारे में जानते हैं-
फालसा फल में प्राकृतिक ठंडक क्या असर की वजह यह है कि आपके शरीर के तापमान को कम कर सकता है।
यह ज्वर के लिए एक लाभदायक इलाज हो सकता है।
क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल विशेषताएं हैं जो शरीर की गर्मी को कम करने में सहायता कर सकती है।
शरीर के तापमान को कम करने वाली विशेषताओं के कारण मलेरिया रोगी भी फालसा से फायदा उठा सकते हैं।
करता है अपनी एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल विशेषताओं के कारण फालसा मूत्र के बहन को बेहतर बनाता है।
यह मूत्र में जलन और मूत्राशय के समस्याओं के इलाज में भी लाभदायक हो सकता है।
साथ ही है रक्त चक्र को बेहतर बनाने और किसी भी रक्त की नाली को बंद होने से रोकने में भी मदद करता है।
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फालसा में मौजूद बहुत कीमती पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम आयरन फास्फोरस विटामिन ए और विटामिन सी
सांस की समस्याओं जैसे खांसी अस्थमा आदि से लड़ सकते हैं यह फेफड़ों को मजबूत बनाता है।
फालसा इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।
फालसा की एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल विशेषताओं के कारण
यह फेफड़ों और सांस के रोगों को की निशानियां को दूर करने में मदद कर सकती है।
आयरन की कमी रक्त कमी का सबसे बड़ा कारण है।
फालसा आयरन से भरपूर होता है और रक्त की कमी को दूर करने में मददगार साबित होता है।
गर्भवती महिलाओं में रक्त की कमी होना आम समस्या है और फलसा उन्हें लाभ पहुंचा सकता है।
परंतु गर्भवती महिलाओं को अपने डॉक्टर से यह सुनिश्चित करना आवश्यक है
कि अगर वह गर्भवती हैं तो उनके लिए एक दिन में कितना फलसा पीना ठीक है।
फालसा के पेड़ के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक विशेषताएं होती हैं।
इनका इस्तेमाल गाव में दर्द और जलन को कम करने जख्म को भरने के लिए किया जा सकता है।
तथा इसकी छाल खुजली के इलाज में भी मदद कर सकती है
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