Jamun Ke Fayde; जामुन की तासीर ठंडी होती है इसकी कई तरह की देसी और विदेशी किस्में भी पाई जाती है लेकिन इसकी सारी किस्में अपने गुणों और स्वाद में एक समान है।
जामुन के फायदे आपके भी होश उड़ जाएंगे, अगर आप तलाश रहे है Jamun Ke Fayde तो ये पोस्ट आपके लिए है.
जिसमें Jamun Ke तरह तरह के Fayde बताए गए है। इसे शुरू से आखिर तक पूरा पढ़िए।
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मुझे शायद ये बताने की ज़रूरत नहीं कि जामुन क्या चीज़ है क्योंकि जिसने एक बार जामुन का ज़ायका (स्वाद) चख लिया होगा वो ज़िन्दगी भर तक के लिए उसे भूल नहीं सकता।
कुछ लोग इसे काला जामुन (जामुन) कहते है तो कुछ लोग इसे (राजमन) कहते है यहां तक कि इसे (जमाली) भी कहा जाता है और अंग्रेज़ी में इसे (BlackBerry) कहते है.
और अगर आपने जामुन को नमक के साथ खाया हो तो अब मुझे इसके स्वाद के बार में बताने की ज़रूरत नहीं है।
जामुन तकरीबन 2 इंच लम्बा और डेढ़ इंच मोटा एक फल है जिसका रंग काला होता है और इसका स्वाद एक दम ख्ट्टा मीठा होता है।
अपने स्वादिष्ट स्वाद की वजह से ये बाज़ार में आसानी से मिल जाता है क्युकिं इस फल को हर फल विक्रेता यानी फल बेचने वाला जनता है।
जिस तरह आपको बताया कि ये फल अपने स्वाद की वजह से लोगों की जुबान पर अपना डेरा जमाए रहता है
इसी तरह देसी दवा बनाने वाले हकीम और वैध की ज़बान पर भी ये जामुन अक्सर मंडराता रहता है, क्योंकि जामुन स्वादिष्ट फल होने के साथ साथ एक बेहतरीन जड़ी बुटी भी है जो ना केवल स्वादिष्ट ज़ायका प्रदान करता है।
बल्कि ये हमें और हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में पूरी तरह से हमारी मदद भी करता है।
जामुन में खनिजों की मात्रा अधिक होती है इसके बीज में कईबो हाइड्रेट कैल्शियम और प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है।
काला जामुन यानी ब्लैकबेरी में आयरन और फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है.
अगर आप परेशान है भूख कम लगने से और अगर भूख लगती है खाना खाते है मगर पचता नहीं है , थोड़ा हो या ज़्यादा तो आपको अब ज़्यादा भागदौड़ करने की ज़रुरत नहीं है।
आपके इलाज के लिए है जामुन सबसे अच्छा फल जो है ज़यखे में भी ज़बरदस्त और आपकी पेट कि समस्या को उखाड़ फेकने में भी आगे तो जामुन का सेवन कीजिए और अपनी बीमारी से छुटकारा पाइए।
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या जामुन खून कि सफाई भी कर सकता है? जी हां आपको आसानी से मिलने वाला जामुन जो ज़यखे का बादशाह है.
आपके लिए एक ब्लड प्यूरीफायर की तरह काम करता है जामुन खा कर या जामुन का जूस पी कर इंसान के जिस्म के खून को साफ किया जा सकता है।
आग से जले हुए दाग (निशान) को सिर्फ जामुन के पत्ते से ठीक किया जा सकता है इसके लिए आपको जामुन के पत्तो को पीस कर उसका लेप बनाना होगा.
और फिर उस लेप को आप अपने या अपने मरीज के शरीर के उस हिस्से पर लगाएं जो हिस्सा आग से जला था।
इस लेप के सूखने के 2 या 4 घंटो में आपको दूसरा लेप तेयार रखना चाहिए लगातार इस तरह लेप लगने से आपको अपने आग से जले हुए निशान पर फायदा नजर आएगा।
जैसा आपको बताया कि जामुन का स्वाद के मामले में इसका अपना एक मकाम है इसी तरह औषधि के इस्तेमाल में भी इसका एक अपना अलग ही मकाम है.
अगर आपको भी याद करने बाद कुछ याद नहीं रहता हर तरीके से आपने पढ़ाई की सब तरीके आजमाकर देखने के बाद भी आपकी हालत पहले जैसी ही है.
तो अब आपको घबराने कि ज़रूरत नहीं है क्यूंकि अपने ख्ट्टे और मीठे स्वाद कि वजह से जाना जाने वाला छोटा सा फल जामुन आपको दिमागी शक्ति प्रदान कर सकता है.
जिसकी वजह से आपको कोई भी चीज एक बार देखने के बाद हमेशा याद रहेगी क्यूंकि ये दिमाग को मजबूत कर सकता है इसके लिए आपको नियमित रूप से जामुन का इस्तेमाल करना होगा.
क्या आप परेशान है मर्दाना कमजोरी को ले कर ? अंग्रेज़ी दवा खाकर थक गए है ? घबराए नहीं आपकी इस परेशानी का एक मात्र इलाज है हमारे पास।
आपको घोड़े जैसी ताकत और चीते जैसी रफ़्तार पाने के लिए जामुन का इस्तेमाल करना चाहिए आइए जानते है इस बेहतरीन नुस्खे को इस्तेमाल करने का तरीका।
आपको कुछ जामुन और 15 ग्राम मिश्री लेनी होगी और 250 ग्राम दूध अब आपको जामुन और मिश्री को दूध के साथ इस्तेमाल करना होगा।
जामुन के फायदे सिर्फ कुछ दिनों तक इस नुस्खे हो इस्तेमाल करने से ही आपको घोड़े जैसी ताकत और चीते जैसी रफ़्तार वाली मर्दाना ताकत हासिल हो सकती है।
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कील मुहांसे आजकी एक नॉर्मल परेशानी है आमतौर पर ये किसी को भी हो जाती है और शायद आपको भी हो, कील मुहांसे जैसी बीमारी को दूर करने के लिए काफी अग्रेजी क्रीम और दवा मिलती है जिनका फायदा तो होता है.
लेकिन नुकसान के चांस फायदे से ज़्यादा है इसीलिए कुछ लोग अंग्रेज़ी दवा का इस्तेमाल करने से डरते है।
उनके लिए हमारे पास एक देसी उपाय है जो एक दम देसी है और देसी दवा नुकसान नहीं देती तो उपाय ये है कि आपको जामुन की कुछ गुठली कि ज़रूरत पड़ेगी
आप उन गुठलियों को पानी में भिगोकर नरम करने के लिए छोड़ दीजिए उसके बाद बारीक पीस लेने के बाद आप अपने चेहरे पर इसका लेप लगा लें
जैसा की आपको बताया 30 से 40 मिनट तक सूखने के लिए आप इसे छोड़ दीजिए।
जामुन मौजूद न होने पर जामुन से बना सिरका भी उपयोग में लिया जा सकता है जो बराबर काम करेगा, शुगर के मरीजों को नियमित रूप से रोजाना डेढ़ सौ ग्राम यानी 150 ग्राम जामुन का सेवन जरूर जरूर करना चाहिए.
रोज़ाना जामुन इस्तेमाल करने से रक्त में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा को भी कंट्रोल में किया जा सकता है
होम्योपैथी में शुगर के जामुन का रस Sanjivani gem bonium mother tincher के नाम से इस्तेमाल में लिया जाता है.
दिन में तीन बार पानी के साथ जामुन की गुठली का चूर्ण खाने से शर्करा बीमारी नहीं होती इसके साथ आपको आम की गुठली का चूर्ण 3-3 ग्राम पानी के साथ इस्तेमाल करना होगा।
गुठली का पाउडर सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करें अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने।
जानकारी अच्छी हो तो आगे भेजें और हमें लिख कर बताएं की आप किस चीज की जानकारी चाहते है.
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