Golden milk ke fayde: खबर है कि जर्मनी में गोल्डन मिल्क तेज़ी से प्रसिद्ध होता जा रहा है। और लोग दर्द और अंदरूनी घाव से बचाव के अलावा एक पेय पदार्थ के तौर पर भी गोल्डन मिल्क को पसन्द करने लगे हैं।
जबकि भारत, पाकिस्तान और बंगला देश जैसे देशों में अंदरूनी घाव व शरीर में होने वाले दर्द के लिए गोल्डन मिल्क का सेवन एक साधारण सी बात है परंतु इस प्राचीन आयुर्वेदिक टोटके का इस्तेमाल अब जर्मनी व अन्य यूरोप देशों में भी बढ़ता जा रहा है।
और वहाँ गोल्डन मिल्क को उपचार के साथ साथ उसकी पोषिक तत्व व विशेषताओं के कारण भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
क्योंकि इस में पाए जाने वाले पोषक तत्व रोगमुक्त करने की शक्ति के साथ साथ इंसान की रोग प्रतिरोधक श्मत बढ़ाने के लिए भी लाभदायक हैं।
और अगर आप इसे अपनी पसन्द के मुताबिक तैयार कर लें तो ये आपकी एक मन पसन्द ड्रिंक भी बन सकती है। परंतु क्या आप जानते हैं की गोल्डन मिल्क अथवा सुनहरा दूध किसे कहते हैं?
शायद आप जानकर हैरान हो कि गोल्डन मिल्क अथवा सुनहरा दूध हल्दी मिले दूध को कहते हैंजिसे हमारे यहाँ लोग कई श्ताब्दियों से प्रयोग करते चले आरहे हैं।
घाव होने, चोट लगने व दर्द होने पर आप ने भी कई बार अपने आस पास हल्दी मिला दूध पीने की सलाह अवश्य सुनी होगी परंतु अब यूरोप व अन्य देशों में भी इन दशाओं में हल्दी मिला दूध पीने की सलाह सुनाई देने लगी है।
गोल्डन मिल्क में पाए जाने वाले तत्व और उनकी विशेषताएँ Golden Milk ke fayde | Golden milk benefits in hindi
इस ड्रिंक की तैयारी में सब से पहली चीज़ ज़ाहिर है दूध ही है जो कि एक सम्पूर्ण आहार है। इस में सभी महत्वपूण विटामिन, प्रोटीन, खनिज लवण, वसा आदि तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
दूध विटामिन और खनिज लवण का एक प्रमुख स्त्रोत है। ये पोटेशियम B 12,कैल्शियम और विटामिन D की पूर्ति करता है।
इस में विटामिन ए, मैग्निशियम, जिंक आदि भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त ये प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत भी है और इस में विभिन्न फैटी एसिड भी शामिल हैं।
दूसरा अहम तत्व हल्दी है जो इस ड्रिंक को सुनहरा रंग देती है। हल्दी के अच्छे रंग और टेस्ट के साथ इसके दूसरे लाभ भी हैं। स्पेशलिस्ट के अनुसार हल्दी में ऐसा एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो अलर्जी को समाप्त करने के साथ साथ पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में भी मददगार है।
ये खाँसी, गले की केश जलन कम कृति है। वसा के साथ मिल्क में हल्दी के साथ साथ अदरक और दालचीनी को भी शामिल किया जाता है। अदरक के भी बहुत सारे आयुर्वेदिक लाभ हैं और इसे भी प्राचीन चीनी और भारतीय उपचार में कई शताब्दियों से इस्तेमाल किया जा रहा है।
मनुष्य के पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में अदरक काफी मददगार साबित होता है। अदरक में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लैमैटोरी विशेषता पट्ठों का दर्द समाप्त करने में भी मददगार है।
अदरक का सेवन ब्लड शुगर में भी कमी लाता है जिस कारण डायबिटीज के रोग से पीड़ित लोगों के हृदय रोग होने का खतरा कम हो जाता है।
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गोल्डन मिल्क तैयार करने की विधि | Golden milk ki vidhi
इस ड्रिंक की तैयारी के लिए निम्न लिखित चीजों की आवश्यकता है।
- दूध 300 मिली लीटर
- हल्दी 1 चाय का चम्मच
- शहद 1 चाय का चम्मच
- दाल चीनी 1/2 चाय का चम्मच
- अदरक 1 चाय का चम्मच
- काली मिर्च स्वाद अनुसार
- नारियल का तेल 1 चाय का चम्मच
विधि- दूध को हल्की आँच पर रखें ताकि उबाल न आने पाए। उस में उपर लिखे पदार्थ एक एक कर के डालते जाएं। साथ साथ दूध को चम्मच से हिलाते जाएं।
अच्छी तरह मिक्स करने के बाद उसे छान कर कप में डालें। स्वास्थ्य लाभ से भरपूर स्वादिष्ट गोल्डन मिल्क तैयार है।