Benefits of Kevanch in Hindi केवांच के फायदे

Benefits of kevanch in Hindi ; केवांच एक लता है। कुछ व्यक्तियों द्वारा केवांच को किवांच या फिर कौंच भी बोला जाता है। साधारणतया लोग केवांच को साधारण-सी लता (konch tree) समझते हैं लेकिन असलियत कुछ और ही है।

केवांच एक औषधि है। केवांच का प्रयोग बहुत से रोगों का इलाज करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में बताया गया है कि औषधि के रूप में केवांच की पत्तियां, बीज, जड़, रोम आदि का उपयोग किया जाता है।

आपने किवांच या कोंच को देखा तो होगा परंतु शायद आप इन से होने वाले फायदे के बारे में जानकारी ना रखते हों। अगर सही में ऐसा ही है तो आपके लिए यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि के बांस का उपयोग कर आप घाव को भी ठीक कर सकते हैं।

आप इससे टीबी की बीमारी में भी लाभ पा सकते हैं। इतना ही नहीं, कुष्ठ रोग, योनि और खून से संबंधित बीमारियां, सूजन और पार्किन्सन रोग आदि को ठीक करने के लिए भी केवांच का प्रयोग कर सकते हैं।

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केवाच क्या है What is kevanch in Hindi?

पुराने आयुर्वेदीय ग्रंथों में केवांच के बारे में बहुत सी जानकारी मिलती है। केंवाच की दो प्रजातियां होती हैं। एक प्रजाति जो सामान्यतया जंगलों में पैदा होती है। इस प्रजाति के केवांच पर बहुत अधिक रोएं होते हैं। इसकी दूसरी प्रजाति जिसकी खेती की जाती है। वह कम रोएं वाली होती हैं।

benefits of kevanch in Hindi

जंगली केंवाच पर बहुत अधिक घने और भूरे रंग के बहुत ही अधिक रोएं होते हैं। अगर यह शरीर पर लग जाती तो बहुत तेज खुजली और जलन करते हैं। इससे सूजन होने लग जाती है।

केंवाच की फलियों के ऊपर बन्दर के रोम के जैसे रोम होते हैं। इससे बन्दरों को भी खुजली उत्पन्न होती है। इसलिए इसको मर्कटी तथा कपिकच्छू भी कहा जाता है।

केवांच की प्रजाति

इसकी दो प्रजातियां होती हैं-

  1. साधारण केवांच
  2. जंगली केवांच

केवांच के औषधीय गुण/ केवांच के फायदे benefits of kevanch in Hindi

केवांच के औषधीय प्रयोग और प्रयोग की मात्रा एवं विधि निम्न प्रकार है-

1. सिर दर्द में केवांच का प्रयोग है फायदेमंद benefits of kevanch in Hindi

केवांच की पत्तियों को पीसकर सिर में लगाने से आपको राहत मिलती है।

2 . स्नायु रोग में केवांच के प्रयोग से लाभ benefits of kevanch in Hindi

1 ग्राम कौंच की जड़ के चूर्ण (kaunch beej powder) के सेवन से स्नायु रोग ठीक हो जाता है।

3. सांस की बीमारी में केवांच के उपयोग के फायदे benefits of kevanch in Hindi

1-2 ग्राम केवाँच की बीज के चूर्ण को शहद तथा घी के साथ मिलाकर चाटने से सांस की बीमारी को लाभ मिलता है।

4. केवांच के सेवन से रुक जाते हैं दस्त केवांच के फायदे benefits of kevanch in Hindi

बला, बड़ी कटेरी, शालपर्णी, केवांच मूल तथा मुलेठी बराबर मात्रा में लेकर इसका पेस्ट बना लें। ऐसा करने के बाद इसको भी में पका लें और इसकी 5 ग्राम मात्रा में शहद मिलाकर उपयोग करने से फूल वाले दस्त में लाभ मिलता है।

5. पेचिश को रोकता है केवांच के फायदे benefits of kevanch in Hindi

5-10 ग्राम केवांच की जड़ के पेस्ट को चावलों के धोवन के साथ पिए इसका सेवन करने से पेचिश ठीक होती है।

केवाँच की जड़ द्वारा बने क्षीर को पकाएं। इसे 20-40 मि ली की मात्रा में पीने से वात दोष होने के कारण होने वाली दस्त में लाभ होता है।

6. कब्ज होने पर केवांच का सेवन लाभदायक benefits of kevanch in Hindi

पहले केवाँच के पत्ते का काढ़ा बना लें। फिर इसे 10-20 मिली मात्रा में पीने से कब्ज की समस्या और पेट के कीड़े खत्म होते हैं।

7. जलोदर रोग में केवांच के सेवन के फायदे benefits of kevanch in Hindi

केवाँच की जड़ को पीसकर उसका लेप पेट पर लगाने से जलोदर रोग में लाभ होता है।

8. किडनी विकार में लाभदायक केवांच के फायदे benefits of kevanch in Hindi

केवाँच की जड़ों को कूटकर काढ़ा बना लें। फिर इसे 10-20 मिली की मात्रा में पीने से किडनी के विचार, पेशाब संबंधित समस्या और हैजा को लाभ होता है।

9. डायबिटीज पर नियंत्रण केवांच के फायदे benefits of kevanch in Hindi

कौंच के बीजों को ठंड में सुखाकर इनको पीस लें और 5 ग्राम बीज के चूर्ण को दूध में पकाकर पीने से डायबिटीज में लाभ होता है।

10. केवांच के सेवन से लिकोरिया का इलाज कोंच के फायदे benefits of kevanch in Hindi

1-2 ग्राम केवांच के बीजों को खाने से लिकोरिया ठीक हो जाता है।

11. लकवा मे केवांच का सेवन फायदेमंद benefits of kevanch in Hindi

  • उड़द और केवांच के बीज बराबर मात्रा में लेकर एरंड की जड़ तथा बलामूल का काढ़ा ले। और फिर इसमें हींग तथा सेंधा नमक मिलाकर पीने से लकवा को बहुत आराम होता है।
  • केवाँच की जड़ तथा जिंगना के पत्ते के रस को 1-2 बूंद नाक में डालें। ऐसा करने से ग्रीवा, बाहु भुजा या कंधे से लेकर कोहनी तक, स्कन्ध (कन्धे) रोग ठीक होते हैं।
  • एक महीने तक रोजाना केवाँच के बीज (kaunch beej) का रस 10-20 मिली पीने से अवबाहुक रोग ठीक होता है।
  • गूलर और केवाँच की जड़ तथा झिंझिणिका तीनों को बराबर मात्रा में लेकर इनका रस में हींग मिला लें। इसकी 1-2 बूंद नाक में डालने से अवबाहुक रोग में लाभ होता है।
  • केवल केवाँच के रस को भी पीने से अवबाहुक रोग खत्म है।

12. काम शक्ति बढ़ाने के लिए केवांच के फायदे

  • 2 ग्राम कौंच के बीज के चूर्ण में 1 ग्राम गोखरू के बीज का चूर्ण और 5 ग्राम मिश्री मिला लें। इसको दूध के साथ खाने से काम की शक्ति बढ़ती है।
  • केवाँच के बीज और तालमखाना के (2-4 ग्राम) चूर्ण में शर्करा मिला लें। इसे तुरंत का दुआ हुआ दूध के साथ खाएं। ऐसा करने से शुक्राणु रोग ठीक होता है।
  • उड़द का सूप बनाकर20-30 मिली सूप में 1-2 ग्राम केवाँच बीज का चूर्ण मिलाकर पीने से कामशक्ति बढ़ती है।
  • 2 ग्राम कौंच के बीज तथा 2 ग्राम गोखरू को बराबर भाग मे मिश्री लेकर इसे पीस लें। इसकी 1-2 ग्राम की मात्रा में मधु तथा दूध के साथ खिलाने से कामशक्ति बढ़ती है।

13. बिच्छू के जहर को उतारता है benefits of kevanch in Hindi

केवाँच की बीज लेकर उनको पीस लें। फिर इसे बिच्छू के डंक वाली जगह पर लगाने से बिच्छू का विष उतरता है।

केवांच के उपयोगी भाग benefits of kevanch in Hindi

  1. बीज
  2. जाट
  3. फलियों पर लगे रोम

केवांच की प्रयोग मात्रा Uses/Dosage of kevanch in Hindi

  • बीज का चूर्ण 3-6 ग्राम
  • जड़ का काढ़ा 20-50 ग्राम
  • फलियों की रोम का चूर्ण125 मिलीग्राम

अधिक फायदे के लिए केवांच का प्रयोग चिकित्सक के बताने के अनुसार करना चाहिए।

केवांच से नुकसान side effect of kevanch in Hindi

वैसे तो के बांस से होने वाले निम्न प्रकार के फायदे हैं लेकिन इसका अधिक उपयोग होने पर या नुकसान भी देता है इसके नुकसान निम्न है-

केवाँच के बीजों का प्रयोग शोधन करने के बाद करना चाहिए।

इसकी फलियों पर लगे हुए रोम अत्यधिक खुजली करते हैं। इसलिए इसका प्रयोग बहुत ही सावधानीपूर्वक करना चाहिए।

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