Benefits Of Halasana In Hindi हैलो दोस्तों चलिए आज हम आपके लिए कुछ और नया लेख ले के आए हैं जो है हलासना ? आज इस पोस्ट में हम आपको हालासन की पूरी जानकारी देंगे। हलासाना योग करने से हमें क्या क्या फायदे होते हैं।
तो चलिए सबसे पहले हम आपको यह बता देते हैं कि ये हलासन है क्या ? हमें यह पता होना चाहिए कि ये हलासाना हैं क्या ?
Table of Contents
1.What Is Halasana In Hindi :– ( हलासना क्या है इन हिन्दी )
हलासना को इंग्लिश में (Plough Pose) कहते हैं। हलासन को प्रमुख योगासनों में गिना जाता है, जो शरीर को लचीलता और शक्ति प्रदान करने के साथ-साथ शांति भी प्रदान करता है। हलासन में शरीर की मुद्रा एक हल के समान हो जाती है, जिसके अनुसार इसका नाम रखा गया। यह एक मध्यम स्तर का योगासन है, जिसमें आवश्यकता के अनुसार कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं। हलासन ऐसी योग मुद्रा है जो न सिर्फ शरीर को मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, इसके साथ-साथ इससे मस्तिष्क व आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रखने में भी मदद मिलती है।
हालांकि, यह एक मध्यम श्रेणी की योग मुद्रा है और शुरुआती अभ्यासकर्ताओं को इसका अभ्यास करने के लिए किसी अच्छे योग प्रशिक्षक से मदद लेनी चाहिए। यदि इसे सही तकनीक के साथ न किया जाए तो स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है। इसलिए हलासन योग मुद्रा बनाते समय विशेष सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है।
2.Benefits Of Halasana In Hindi :– (हलासना के फायदे इन हिन्दी )
हलासान न सिर्फ शरीर को लाभ प्रदान करता है यह आपकी मानसिक स्थिति को भी सहारा प्रदान करता है । हलासन से मिलने वाले मुख्य लाभ शमिल है :–
1. मस्तिष्क व आंखों को स्वस्थ रखें हलासन :– (Benefits Of Halasana For Brain And Eyes In Hindi)
हलासन को इन्वर्जन श्रेणी में रखा जाता है, क्योंकि इसमें हृदय का स्तर मस्तिष्क से ऊपर होता हैं।हृदय का स्तर ऊपर होने के कारण मस्तिष्क एवम आंखो में पोषण युक्त रक्त आसानी से पहुंच पाता है और उनका स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।
2. रीढ़ की हड्डी व पीठ को मज़बूत बनाए हलासन :– (Halasana Spine Bone Makes The Back Strong )
नियमित रूप से हलासन मुद्रा का अभ्यास करने से पीठ व रीढ़ की हड्डी की आसपास की मांसपेशियां मज़बूत होने लगती है।जिन लोगों को कमर दर्द की शिकायत रहती है उनके लिए हलासन अच्छा विकल्प हो सकता है।
3. हलासन लाए कंधे, बांह व टांगों में लचीलता :–
हलासन करते समय कंधे, बांह व टांगो की मांसपेशियों में लचीलापन आता है, जिससे इन टांगो की जकड़न व दर्द जैसी समस्या नहीं हो पाती है।
4. पाचन को बढ़ाए हलासन :–
हलासन के दौरान पेट न सिर्फ़ पेट की मांसपेशियां सक्रिय होती है। इससे पेट, आंत व कर महत्वपूर्ण अंग उत्तेजित हो जाते हैं और प्रभावी रूप से कार्य करने लगते हैं। हलासन करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है और कब्ज जैसी समस्या भी ठीक हो जाती है।
5. शारीरिक संतुलन बनाए हलासन :–
हलासन से समस्त स्वास्थ्य में सुधार होता है। जिन लोगों को उच्च रक्तचाप या उच्च रक्त शर्करा की समस्या है, उनके लिए भी हलासन लाभदायक हो सकता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार हलासन अभ्यास करने से हाई बीपी व हाई ब्लड शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है।
3.Steps To Do Plough Pose (Halasana) In Hindi :– (हलासन करने के तरीके इन हिन्दी)
हलासन करने की विधि काफी सरल है और पहली बार करने वाले भी इसे आसानी से सिख सकते हैं। हलासन करने का तरीका कुछ इस प्रकार है :–
- Step 1– मैट या कंबल पर सीधा लेट जाए और दोनों बांहों को नीचे की तरफ सीधा रखें।
- Step 2– गहरी सांस लेते समय दोनों टांगों को ऊपर की तरफ उठा कर और 90 डिग्री का कोण बना लें।
- Step 3– इसके बाद सांस छोड़ते हुए टांगों को अपने सिर की तरफ ले जाए और घुटनों को माथे के करीब लाने की कोशिश करें।
- step 4– जब टांगों और झुकना बंद कर दें तो कोहनी को मोड़कर हथेलियों को कमर के नीचे लगाकर सहारा दें।
- Step 5 – हाथों को धीरे-धीरे कमर के ऊपरी सिरे की और ले जाएं ताकि आपके कूल्हे जितना हो सके ऊपर जा सकें।
- Step 6 – जब दोनों पैरों के अंगूठे फर्श को स्पर्श करने लगें तो इस मुद्रा को लगभग दो मिनट तक बनाकर रखें।
- Step 7 – इसके बाद सांस छोड़ते हुए हथेलियों को हटा लें और धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी को सीधा करें और टांगों को नीचे ले आएं।
4.Precautions During Halasana In Hindi :– ( हलासना करते समय सावधानियां इन हिन्दी )
हलासन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनमें निम्न शामिल हैं :–
- क्षमता से अधिक समय तक करने की कोशिश न करें ।
- यदि पैर के अंगूठे फर्श को छू नहीं पा रहे हैं, तो ज़्यादा कोशिश न करें ।
- शुरुआत में शरीर में लचीलता कम होती है, जो लगातार अभ्यास करने से बढ़ती रहती है।
- यदि आप सुबह के समय हलासन अभ्यास कर रहे हैं, तो ज्यादा स्ट्रेच करने की कोशिश न करें।
- पहली बार हलासन करने वालों को योग प्रशिक्षक से मदद लेने की सलाह दी जाती है।
5. When Not To Do Halasana In Hindi :– हलासना कब न करें इन हिन्दी )
कुछ स्थितियों में हलासन करने से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं। यदि आपको निम्न स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो हलासन प्रक्रिया न करें –
- आपके शरीर के किसी हिस्से में गम्भीर चोट लगी हो।
- आपके कंधे, पीठ, पेट और टांगों में दर्द हो।
- आपको हृदय या अन्य अंदरूनी अंग संबंधी रोग हो।
- आपने हाल ही में खाना खाया हो।
- आपके मासिक धर्म चल रहे हैं।
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